Connect with us

Bollywood News

ऐसी कुछ फिल्में हैं, जिन्होंने पिता के किरदार के साथ न्याय करते हुए उनका कोमल रूप दर्शाया है!

Published

on

सिनेमा को ‘सिने-मां’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि फिल्मों में मां के किरदार को ज्यादा महत्व दिया जाता है। मदर इंडिया में नरगिस हो या दीवार में निरूपा रॉय, मां की भूमिका को ही तरजीह दी गई है जबकि पिता सिर्फ एक परछाई हैं। मदर इंडिया और दीवार में क्या किसी को राजकुमार या सत्येन कप्पू याद हैं? फिर भी, ऐसी कुछ फिल्में हैं, जिन्होंने पिता के किरदार के साथ न्याय करते हुए उनका कोमल रूप दर्शाया है।

अकेले हम अकेले तुम में आमिर खान : ओ आई लव यू डैडी, यह गीत आमिर खान के लिए बाल कलाकार (मास्टर आदिल) ने गाया था। पत्नी द्वारा अचानक छोड़ दिए जाने के कारण अभिनेता पर छोटे बेटे की देखभाल करने की जिम्मेदारी आ जाती है। आमिर खान ने ऑमलेट बनाने, स्कूल यूनिफॉर्म में बटन लगाने वाले जिम्मेदार पिता का रोल बखूबी निभाया था। हाॅलीवुड मूवी की रीमेक मंसूर अली खान निर्देशित यह फिल्म का पिता का महत्व समझाती एक दुर्लभ फिल्म थी।

सरकार में अमिताभ बच्चन: रामगोपाल वर्मा अपनी फिल्मों में भावनाओं की अभिव्यक्ति को ज्यादा महत्व नहीं देते हैं परंतु सरकार में उन्होंने बिग बी और उनके बेटे के बीच की बॉन्डिंग को दिखाया। फिल्म में खास बात यह थी कि दोनों अभिनेता वास्तविक जीवन में भी पिता-पुत्र हैं।

मासूम में नसीरुद्दीन शाह : फिल्म में वे अपनी प्रेमिका को गर्भवती करने के बाद छोड़ देते हैं। बाद में उनकी नाजायज संतान, उनका मासूम और प्यारा बेटा उन्हें दरवाजे पर खड़ा दिखाई देता है। फिल्म में पिता-पुत्र के संबंधों को बहुत ही शानदार तरीके से प्रस्तुत किया गया है। फिल्म में पिता और पुत्र के दृश्य अत्यंत भावनात्मक हैं। पिता और पुत्र को समर्पित गीत “तुझसे नाराज़ नहीं ज़िंदगी” गीत आज भी याद किया जाता है।

डैडी में अनुपम खेर : नशे में धुत, जीवन में असफल और फिर भी अपनी बेटी को आपसे प्यार करने वाले पिता की भूमिका निभान आसान नहीं था। अनुपम खेर ने आत्म-विनाश के कगार पर खड़े और अपनी बेटी के
प्यार के लिए तड़पते पिता का रोल बखूबी निभाया है। यह अत्यंत खूबसूरत और पिता के चरित्र को गरिमा प्रदान करने वाली भूमिका थी।

कुंवारा बाप में महमूद : एक परित्यक्त बच्चे के माता-पिता की भूमिका निभाने वाले रिक्शावाले के रूप में महमूद ने लाखों आंखों में आंसू ला दिए थे। जब उन्होंने अपने स्क्रीन बेटे के लिए लोरी आ री आ जा निंदिया गाया तो थिएटर में हर आंख नम हो गई थी। अपने बेटे के बालों में कंघी करने वाले या उसके माथे को चूमने वाले महमूद निरूपा रॉय सहित सभी फिल्मी माताओं को टक्कर देते नजर आए थे। महमूद के रियल लाइफ बेटे ने यह भूमिका निभाई थी।

जब प्यार किसी होता है में सलमान खान : फिल्म में आदित्य नारायण सलमान के नाजायज बेटे के रूप में दिखाई देते हैं। आदित्य हर सीन में सलमान को जैसे को तैसा सिखाते हैं।

जानवर में अक्षय कुमार: यह एक बहुत ही खास पिता-पुत्र की फिल्म थी, जिसमें अक्षय ने साबित किया कि वे अभिनय कर सकते हैं। उन्होंने एक ऐसे बदमाश की भूमिका निभाई है, जो तब सुधर जाता है, जब कोई बच्चा उसके जीवन में आता है, अक्षय के आंसू उसके स्क्रीन बेटे के लिए स्वतंत्र रूप से बहते हैं। असल जिंदगी में अक्षय के पिता तब बीमार थे, जब वे पर्दे पर नन्हें आदित्य कपाड़िया के पिता की भूमिका निभा रहे थे।

हम हैं राही प्यार के में आमिर खान: फिल्म में वे अपनी बहन के बच्चों के लिए पापा की भूमिका निभाते हैं। उन्हें 9 से 5 की नौकरी के साथ ही शोर-शराबा करने वाले शरारती बच्चों को संभालना पड़ता है। निर्देशक महेश भट्ट ने ऐसे आदमी को दिखाया है, जिसे पारिवारिक दायित्वों के साथ कामकाजी महिलाओं के साथ सामंजस्य स्थापित करना पड़ता है।

मिस्टर इंडिया में अनिल कपूर: फिल्म में अनिल कपूर अनाथ बच्चों के पिता के रूप मेें अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते नजर आते हैं।

ब्रम्हचारी में शम्मी कपूर: यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी जो एक अनाथालय चलाता है और किसी तरह इतना कमाता है कि बच्चों की अच्छी तरह से परवरिश सके। अपने स्क्रीन बच्चों के साथ ‘याहू’ कपूर की सहानुभूति को प्रशंसकों ने काफी पसंद किया था। बच्चों के मजेदार गाने चक्के पे चक्का और लोरी मैं गाऊं तुम सो जाओ का प्रस्तुतिकरण काफी शानदार तरीके से बनाया गया था। रमेश सिप्पी की अंदाज़ में भी शम्मी कपूर ने अपनी छोटी बेटी को पालने के लिए संघर्ष कर रहे विधुर की भूमिका को बखूबी निभाया था।

Continue Reading
Comments